Peer to Peer Network in Hindi | P2P kya Hai : क्या आप जानते हैं कि आखिर P2P Network क्या है और यह कैसे काम करता है। अगर आप एक अच्छे इंटरनेट यूजर है तो आपने P2P Network के बारे में अवश्य ही कहीं न कहीं सुना होगा। और आपका इसके बारे में जानना भी काफी ज्यादा जरुरी है क्योंकि यह एक बढ़ती हुई Technology है जो अभी के समय काफी Useful है।
P2P Network एक फाइल और डेटा शेयरिंग प्लेटफार्म है। जहाँ से इंटरनेट के माध्यम से रिसोर्सेस को ट्रांसमिट किया जा सकता है। चलिए आगे विस्तार से जानते है कि P2P Kya hai और पी2पी नेटवर्क कैसे काम करता है, P2P Full Form in Hindi और Peer to Peer Network in Hindi, P2P के फायदे और नुकसान क्या है। P2P Network in Hindi.
P2P नेटवर्क क्या है (P2P Network in Hindi)
P2P एक Computer Network है जिसमे बहुत से कंप्यूटर्स एक-दूसरे से Connect रहते हैं। मतलब P2P में एक Computer को Peer कहते हैं और P2P Network में बहुत से Computer Systems के Peers होते है। Peer-to-peer नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले सभी Peers मतलब कंप्यूटर्स Server और Client दोनों के रूप में काम कर सकते हैं।
P2P Software और Internet Connection की जरूरत होती है Peers को आपस में Link और Connect करने हेतु। Connect होने के बाद P2P Network में Files, Data और Softwares को Peers के बीच Directly Communication के माध्यम से Transfer किया जा सकता है बिना किसी Central Server को उपयोग में लाये।
P2P Full Form क्या है (Full Form of P2P in Hindi)
P2P का फुल फॉर्म Peer to Peer होता है। इसका हिंदी में पूरा नाम ‘पीयर टू पीयर‘ होता है। Peer to Peer Network बहुत से Computers के बीच एक कनेक्शन होता है जिसमे कोई भी Intermediator नहीं होता है।
Peer to Peer Network विकेंद्रीकृत होता है जिसमें जितने भी Peers या Computers आपस में जुड़े होते हैं उन सभी Peers का Work करने में समान Role होता है।
P2P का इतिहास (History of Peer to Peer Network in Hindi)
P2P Network के विकास की हिस्ट्री काफी रोचक थी। इसके इतिहास की शुरुआत तब हुई जब 1999 में एक अमेरिकी स्टूडेंट Shawn Fanning ने Nepster नामक एक Software को Develop किया। जो Music Files Sharing सॉफ्टवेयर के रूप में उपयोग किया जाता था। कुछ ही समय में यह Software बहुत ज्यादा popular हो गया लेकिन इसका यूज़ कुछ illegal कामों में होने लगा जिस वजह से Nepster पर बहुत से Cases File किए गए।
इसके बाद साल 2000 में Bram Cohen द्वारा Gnutella Protocol को डिजाईन किया। जो उस समय का पॉपुलर Peer to Peer Network था। जो की एक Open-Source था। अगले साल 2001 में BitTorrent को Design किया गया जो भी एक P2P Network था। जो बड़े फाइल्स जैसे Movies और Series को ट्रांसफर करने में सक्षम था।
वर्तमान में Peer to Peer Network में Blockchain Technology का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो की एक बहुत ज्यादा सुरक्षित तकनीक है।
P2P Network कैसे काम करता है ( Peer to Peer Network in Hindi)
Peer to Peer Network एक विकेंद्रीकृत नेटवर्क है जिसमे विभिन्न Computers के बीच Resorces का आदान प्रदान किया जाता है और इस प्रक्रिया में किसी भी Server मतलब कि किसी भी मध्यस्त को उपयोग में नहीं लाया जाता है। P2P Network में बहुत से यूज़र्स एक दूसरे से Internet और P2P Software के जरिए जुड़े होते है।
इस Peer to Peer Network में सभी यूज़र्स P2P Software के माध्यम से सीधे तौर पर जुड़े होते है। फाइल्स और रिसोर्सेस Recieve करने के लिए एक User के Computer द्वारा Request की जाती है। अब Connection में मौजूद यूज़र्स में से किसी के पास वो Files या Data उपलब्ध है तो वह User उस Request को Accept करके डाटा को ट्रांसफर करता है।
Peer to Peer Network प्रणाली में फाइल्स या डाटा सीधे user to user भेजी जाती है। इस Network में सभी Users दोनों की तरह काम करते हैं Server और Client.
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Types of Peer to Peer Network in Hindi (P2P नेटवर्क के प्रकार)
P2P Network तीन प्रकार के है –
Unstructured P2P Network
Unstructured P2P Network में बहुत से नोड्स होते है जो Communication के लिए एक दूसरे से Randomly जुड़ते है। इसमें Nodes के बीच कोई विशिष्ट सरंचना नहीं होती है। Unstructured p2p Network बनाने के लिए ऐसे Computer की जरूरत होती है जिसमे Storage करने की क्षमता अधिक हो और वो एक उच्च क्षमता धारण करने वाले CPU से जुड़ा हो।
Structured P2P Network
Structured P2P Network में मौजूद सभी नोड्स की अपनी एक अलग Identity होता है। इसमें नोड्स को distributed hash table (DHT) के रूप में व्यवस्थित किया जाता है जो कि एक Logical Structure है। यह नोड्स को Efficiently Search करने की Permission देता है।
DHT सरंचना नोड्स को Permission देता है कि वो हैश फंक्शन को उपयोग में लाकर Rapidly Data को Search कर सकते हैं। BitTorrent प्रोटोकॉल Structured P2P Network का एक Example है। BitTorrent आपको रिक्वायर्ड डाटा को प्राप्त करने हेतु Users की DTH के माध्यम से ही खोज करता है।
Hybrid P2P Network
Hybrid P2P Network मुख्यतः P2P और Client-Server के Components को Combined करता है। इसमें अधिकतर नोड्स Server होते है जबकि कुछ नोड्स है जो Client के रूप में कार्य करते हैं। Hybrid Network में Index Server को उपयोग में लाया जाता है जिसके Center में Resources के स्थान पर Data होता है।
P2P Network के फायदे (Advantages of P2P in Hindi)
- P2P Network में कोई Mediator Server नहीं होता है जिस वजह से अधिक तेजी से Files Transfer होते है।
- यह एक Open-Source नेटवर्क है इसलिए यूज़र्स को अपना सिस्टम मैनेज करने की permission होती है।
- इस नेटवर्क में Multiple Sources से Files या Data को डाउनलोड किए जा सकते हैं।
- Peer to Peer Network में महंगे softwares या Infrastructure की जरूरत नहीं होती।
- Peer to Peer Network अधिक Secure है क्योंकि इसमें सारा डाटा Encrypted रहता है।
- P2P Network से Connect होना काफी आसान है इसे कभी भी Join और कभी भी Leave कर सकते हैं।
P2P Network के नुकसान
- फाइल्स और डेटा का backup नहीं लिया जा सकता है।
- Peer to Peer Network एक स्वतंत्र नेटवर्क सिस्टम है जिस वजह से इसमें काफी Security issues होते हैं।
- P2P Network में मैलवेयर और वायरस के खतरा होता है।
- Peers द्वारा Server की तुलना में बहुत कम Connections बन सकते हैं।
P2P क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है (P2P Crypto Exchange in Hindi)
यह एक decentralized Crypto Exchange है। P2P Crypto Exchange उपयोगकर्ताओं को दूसरे यूज़र्स से डायरेक्टली क्रिप्टो Buy और Sell करने की अनुमति देता है। इसमें डील करने के लिए कोई Intermediator नहीं होता है। Centralized Exchange में किसी आर्डर को प्रोसेस करने के लिए KYC कम्पलीट करनी होती है लेकिन P2P Crypto Exchange में क्रिप्टो को खरीदने और बेचने के लिए KYC Complete होना जरूरी नहीं है।
P2P लेंडिंग क्या है (P2P Lending in Hindi)
P2P Lending एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ से कोई व्यक्ति बहुत कम Intrest Rate पर Investors से पैसो को सीधे ही Loan के रूप में प्राप्त कर सकते हैं। P2P Lending एक Intermediator होता है जो Investors और उधारकर्ताओं को एक-दूसरे से जोड़ती है। P2P lending प्लेटफार्म अनेक प्रकार के लोन जैसे कि पर्सनल लोन, बिज़नस लोन और एग्रीकल्चर लोन उपलब्ध कराते है। यह उन लोगों को लोन उपलब्ध कराते है जो किसी बैंक इशू के कारण लोन प्राप्त करने में असमर्थ होते है।
क्लाइंट सर्वर और पी2पी नेटवर्क के बीच अंतर
Client Server Network | Peer to Peer Network |
यह फाइल्स और डेटा को पाने के लिए एक Mediator Server से Request करता है। | इसमें फाइल्स और डेटा प्राप्त करने के लिए कोई Central Server नहीं होता। |
इस नेटवर्क में Client और Server के बीच डाटा का विनिमय होता है। | P2P नेटवर्क में नोड्स के बीच डाटा का विनिमय होता है। |
Client-Server नेटवर्क में प्रत्येक डिवाइस या तो क्लाइंट होता है या एक Server होता है। | P2P Network में प्रत्येक नोड Client और Server दोनों की तरह काम करता है। |
इसका नेटवर्क स्ट्रक्चर Centralized होता है। और यह अधिक Scalable होता है। | इसका नेटवर्क स्ट्रक्चर Decentralized होता है। यह कम Scalable होते है। |
Client-Server नेटवर्क काफी महंगे होते है P2P की तुलना में। | P2P Network काफी कम महंगे होते हैं Client-Server की तुलना में। |
Client Server Network के उदाहरण में Web browsing और file sharing शामिल हैं। | P2P Network के उदाहरण में BitTorrent, Bitcoin और Skype शामिल हैं। |
आज आपने क्या सीखा (P2P Kya hai)
Peer to Peer Network एक Decentralized नेटवर्क है जो Nodes के बीच काम करता है। इस नेटवर्क में नोड्स के बीच एक जाल होता है जिनके बीच Files और Data को ट्रांसफर किया जाता है। पी2पी नेटवर्क में प्रत्येक नोड CLIENT और SERVER दोनों की भांति कार्य करते है।
आज के इस आर्टिकल में हमने जानकारी दी कि P2P KYA HAI, Peer to Peer Network in Hindi, P2P फुल फॉर्म क्या है, Peer to Peer Network कैसे काम करता है, P2P Crypto Exchange और P2P Lending क्या है, पी2पी नेटवर्क के फायदे और नुकसान क्या है।
उम्मीद है कि इस आर्टिकल के जरिए आप P2P NETWORK के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे अगर आप P2P KYA HAI से सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।